Todays Panchang and Rashiphal 24 Feb 2022 for Consultation You can Whats 9711310775
Acharya Joyy Bannerjii (KP, Vedic, Lalkitab, Numerology & Astro Vastu Expert)
?श्री हरिहरो विजयतेतराम?
?सुप्रभातम?
?आज का पञ्चाङ्ग?
?गुरूवार, २४ फरवरी २०२२?
सूर्योदय: ? ०६:५३
सूर्यास्त: ? ०६:१३
चन्द्रोदय: ? २६:०८
चन्द्रास्त: ?११:३५
अयन ? उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: ? बसंत
शक सम्वत: ? १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: ? २०७८ (राक्षस)
मास ? फाल्गुन
पक्ष ? कृष्ण
तिथि -? अष्टमी (१५:०३ तक)
नक्षत्र ? अनुराधा (१३:३१ तक)
योग ? हर्षण (२६:५९ तक)
प्रथम करण ? कौलव (१५:०३ तक)
द्वितीय करण ? तैतिल (२६:०२ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य ? कुम्भ
चंद्र ? वृश्चिक
मंगल ? धनु (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध ? मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
गुरु ? कुंम्भ (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र ? धनु (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि ? मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु ? वृष
केतु ? वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त ? १२:०७ से १२:५३
अमृत काल ? २७:५० से २९:२०
सर्वार्थसिद्धि योग ? ०६:४८ से १३:३१
विजय मुहूर्त ? १४:२४ से १५:१०
गोधूलि मुहूर्त ? १८:०१ से १८:२५
निशिता मुहूर्त ? २४:०५ से २४:५५
राहुकाल ? १३:५६ से १५:२१
राहुवास ? दक्षिण
यमगण्ड ? ०६:४८ से ०८:१४
होमाहुति ? गुरु (१३:३१ तक)
दिशाशूल ? दक्षिण
नक्षत्र शूल ? पूर्व (१३:३१ से)
अग्निवास ? आकाश
चन्द्रवास ? उत्तर
शिववास ? गौरी के साथ (१५:०३ से सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – शुभ २ – रोग
३ – उद्वेग ४ – चर
५ – लाभ ६ – अमृत
७ – काल ८ – शुभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – अमृत २ – चर
३ – रोग ४ – काल
५ – लाभ ६ – उद्वेग
७ – शुभ ८ – अमृत
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (दही का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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सीताष्टमी (जानकी जयन्ती), अष्टका श्राद्ध आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १३:३१ तक जन्मे शिशुओ का नाम
अनुराधा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (नू, ने) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश: (नो, या, यी) नामाक्षर रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कुम्भ – ३०:१८ से ०७:४४
मीन – ०७:४४ से ०९:०८
मेष – ०९:०८ से १०:४१
वृषभ – १०:४१ से १२:३६
मिथुन – १२:३६ से १४:५१
कर्क – १४:५१ से १७:१३
सिंह – १७:१३ से १९:३१
कन्या – १९:३१ से २१:४९
तुला – २१:४९ से २४:१०
वृश्चिक – २४:१० से २६:३०
धनु – २६:३० से २८:३३
मकर – २८:३३ से ३०:१४
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पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०६:४८ से ०७:४४
शुभ मुहूर्त – ०७:४४ से ०९:०८
मृत्यु पञ्चक – ०९:०८ से १०:४१
अग्नि पञ्चक – १०:४१ से १२:३६
शुभ मुहूर्त – १२:३६ से १३:३१
रज पञ्चक – १३:३१ से १४:५१
शुभ मुहूर्त – १४:५१ से १५:०३
चोर पञ्चक – १५:०३ से १७:१३
शुभ मुहूर्त – १७:१३ से १९:३१
रोग पञ्चक – १९:३१ से २१:४९
शुभ मुहूर्त – २१:४९ से २४:१०
मृत्यु पञ्चक – २४:१० से २६:३०
अग्नि पञ्चक – २६:३० से २८:३३
शुभ मुहूर्त – २८:३३ से ३०:१४
रज पञ्चक – ३०:१४ से ३०:४७
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आज का राशिफल
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मेष? (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका स्वास्थ्य पुर्व में असंयमित भोजन अथवा दिनचार्य के कारण दिन के आरम्भ में कुछ नरम रह सकता है। पेट में गड़बड़ थकान होने के कारण किसी भी कार्य के प्रति पूर्ण उत्साह नही बनेगा मध्यान के समय स्थिति में सुधार आने पर आवश्यक कार्य जल्दबाजी में करेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र पर आज आपको प्रेम और सम्मान दोनो मिलेंगे। लेकिन व्यावसायिक कार्य अत्यंत धीमी गति से चलने के कारण आय भी कम ही रहेगी फिर भी आवश्यकता अनुसार हो ही जाएगी। कार्य क्षेत्र अथवा घर मे नौकरों से हर प्रकार से सावधान रहें मन का भेद ना बताये अन्यथा सम्मान हानि हो सकती है। घरेलू वातावरण थोड़े बहुत गरमा गरमी के बाद शांत हो जाएगा। पैतृक व्यवहारों अथवा व्यवसाय के चलते लघु यात्रा हो सकती है।
वृष? (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन लाभदायक तो है लेकिन विपरीत लिंगीय आकर्षण और स्वभाव की कामुकता किसी परेशानी में ना डाल दे इसका विशेष ध्यान रखें। दिन के आरम्भ में किसी नजदीकी से शुभ समाचार प्राप्त होगा। लेकिन पूर्व में की गई गलती के कारण मन मे भय भी बना रहेगा। कार्य व्यवसाय से धन की संतोषजनक आमद निश्चित होगी परन्तु उटपटांग खर्च भी अधिक रहने से बचत नही कर सकेंगे। व्यवसायी वर्ग प्रतिस्पर्धा के कारण कुछ समय के लिये निराश होंगे फिर भी प्रयास करते रहे आर्थिक लाभ थोड़ा थोड़ा होता रहेगा। सेहत असंयमित खान-पान के कारण बिगड़ सकती है।
मिथुन? (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी उतार-चढ़ाव वाला रहेगा आज आप जिस कार्य से लाभ की उम्मीद लगाए रहेंगे अंत समय मे उससे निराशा ही हाथ लगेगी लेकिन आज मेहनत करने में कसर ना रखें अन्यथा निकट समय मे होने वाले लाभ से वंचित रहना पड़ेगा कार्य व्यवसाय में दुविधा की स्थिति हानि से बाहर नही निकलने देगी अनुभवी व्यक्ति की सलाह के बाद जोखिम लेने से ना डरे इसका आने वाले समय मे कुछ ना कुछ लाभ और अनुभव मिलेगा। सहकर्मी अथवा परिजनों से नुकसान हो सकता है धर्य से समय बिताये बेवजह की कलह से दूर रहने का प्रयास करें शांति बनी रहेगी। स्वास्थ्य मानसिक विकार को छोड़ लगभग सामान्य रहेगा।
कर्क? (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आप अपने बुद्धि विवेक का प्रयोग कर लाभ कमाएंगे लेकिन सही समय की प्रतीक्षा अवश्य करें ऐसा ना हो असमय लिया निर्णय लाभ की जगह निराश करें। दिन के आरंभ से मध्यान तक कार्यो के प्रति लापरवाह रहेंगे लेकिन मध्यान बाद किसी वरिष्ठ की दखल के बाद स्वभाव में गंभीरता आएगी। परिश्रम भी आज अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक करना पड़ेगा लेकिन इसका लाभ निकट भविष्य में धन के रूप में मिलेगा आज धन संबंधित समस्या यथावत रहेगी। परिजन आपसे किसी ना किसी कारण से नाराज हो सकते है। सेहत का भी ख्याल रखें।
सिंह? (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज परिस्थितियां आपके विपरीत रहने वाली है प्रत्येक कार्य सोच समझ कर करें। व्यवहारिक जगत में भी आज विवेक का परिचय दें। अधिक बोलने से बेहतर है कि मौन धारण करें कई समस्याओं से बचेंगे। आलस्य थकान के कारण कार्य प्रभावित हो सकते है ठण्ड से बचकर रहें सर्दी के कारण पीड़ा हो सकती है आज आपको अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ सकते है। घर में भी किसी बुजुर्ग की सेहत पर खर्च रहेगा। आर्थिक रूप से आज का दिन काफी दयनीय रहने वाला है। कार्य क्षेत्र पर धन की आमद होगी परन्तु लेन-देन अधिक रहने से बचत मुश्किल से ही कर पाएंगे।
यात्रा में शरीर के साथ सामान की भी सुरक्षा सुनिश्चित करें। स्त्री वर्ग से शारीरिक एवं आर्थिक सहयोग मिलेगा। चिढचिढा स्वभाव वातावरण अशान्त कर सकता है।
कन्या? (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन सामान्य से उत्तम रहेगा लाभ के कई अवसर हाथ आएंगे लेकिन आज आपका मन काम के समय कही और भटकेगा धन के साथ विपरीत लिंगीय के प्रति अधिक आसक्त रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर धन संबंधित मामलों को मन मे चल रही उठापटक के कारण नजरअंदाज करेंगे इसके परिणामस्वरूप लाभ विलम्ब से और आशा से कम होगा। सहकर्मी और घर के सदस्य आपके लापरवाह व्यवहार से परेशान होंगे आपस मे नोकझोंक भी हो सकती है। पर्यटन मनोरंजन के अवसर मिलेंगे लेकिन उदासीन व्यवहार के कारण इनका आनंद नही ले सकेंगे। स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आप दिन के पूर्वार्ध में ही योजनाबद्ध होकर कार्य करेंगे मध्यान तक परिश्रम का फल नही मिलने से थोड़े निराश भी होंगे लेकिन आज की गई मेहनत शीघ्र ही धन के साथ नए लाभ के संबंध बनाने में सहायक होगी। नौकरी वाले लोग अपने क्षेत्र पर सहकर्मियों से प्रतिस्पर्धा के बाद अव्वल रहेंगे। धन को लेकर ज्यादा परेशान ना हों आज नही तो कल अवश्य ही सकारत्मक परिणाम मिलेंगे। सरकारी कार्य आज अवश्य ही जोड़-तोड़ कर पूर्ण करने का प्रयास करें इसके बाद सहयोग तो मिलेगा परन्तु कार्य सफलता में विलंब होगा। परिजनों की मांगें असहज करेंगी टालने पर कलह हो सकती है। स्वास्थ्य में छोटे मोटे विकार लगे रहेंगे फिर भी दिनचार्य खराब नही होगी।
वृश्चिक? (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपकी मानसिकता अधिक से अधिक सुखोपभोग की रहेगी इसके लिये धन अथवा समाज की परवाह नही करेंगे। कार्य व्यवसाय मध्यान बाद तक सुचारू रूप से चलेगा इसके बाद का समय थोड़ा विघ्न बाधाओं वाला रहेगा लोग जबरदस्ती आपसे उलझेंगे। किसी भी प्रकार के अनैतिक आचरण से बचे अन्यथा निकट भविष्य में विवाद बढ़ने की संभावना है। पारिवारिक वातावरण आवश्यकता पूर्ति के ऊपर निर्भर रहेगा समय पर मांग पूरी करने पर शांति रहेगी अन्यथा गरमा गर्मी हो सकती है। सेहत संध्या बाद नरम होगी।
धनु? (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा लेकिन थोड़े से परिश्रम से ही अधिक पसीना और घबराहट बनेगी जिससे ज्यादा भर वाला कार्य करने में असमर्थ रहेंगे इनमे जबरदस्ती करने का प्रयास ना करें बाद में परेशानी बढ़ सकती है। काम धंधे में आज असमंजस की स्थिति रहेगी किसी पुराने निर्णय अथवा सौदे में अवश्य सफलता मिलेगी जिससे साहस बढ़ेगा लेकिन आज नए कार्यो में हाथ ना डाले अन्यथा धन के फंसने या डूबने की पूर्ण संभावना है। नौकरी पेशा आज बेहतर कार्य के लिए प्रोत्साहित होंगे। धन की आमद छोटे सौदों से आवश्यकता पूर्ति लायक आसानी से हो जाएगी बड़े लाभ के चक्कर मे धन और चैन दोनो गंवा सकते है इसलिये आज आसानी से जितना मिल जाये उसी में संतोष करें। घर मे सुख शांति बनी रहेगी भाई बंधुओ को आज संतुष्ट करना असंभव रहेगा इसे अनदेखा करना ही बेहतर है।
मकर? (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन शुभफली रहेगा। आप में स्वार्थ सिद्धि की भावना प्रबल रहेगी आज दिमाग में केवल पैसा ही रहेगा सामाजिक स्तर पर भी आपकी पहचान धनवानों जैसी रहेगी। कार्य क्षेत्र अथवा पारिवारिक बड़े लोगो से अपना काम बनाने के लिए दिखावे का गुस्सा करेंगे। वाणी में मिठास रहने से कार्य शीघ्र बन जाएंगे मध्यान से व्यावसायिक गतिविधियों में अत्यधिक व्यस्त रहेंगे। घरेलु कार्य भी इस कारण स्थगित करने पड़ सकते है। कार्य क्षेत्र के कारण भावनाओ को दरकिनार करेंगे जिससे परिवार में वातावरण अशान्त हो सकता है। अनुभवियों से नए कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। विद्यार्थ एवं नौकरी पेशा जातक बेहतर प्रदर्शन करने पर सम्मान के पात्र बनेंगे। समाज के वरिष्ठ व्यक्तियों से भेंट आनंदित करेगी। सेहत छोटी मोटी बातो को छोड़ सामान्य बनी रहेगी।
कुंभ? (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आपकी सेहत तो ठीक रहेगी लेकिन नेत्र संबंधित शिकायत रह सकती है। कार्य क्षेत्र एवं घरेलू मामलों में आज विविध समस्या एकसाथ उभरने से कुछ समय के लिये दिमाग शून्य जैसा हो जाएगा लेकिन जीवनसाथी अथवा घर के बड़े सदस्य का सहयोग मिलने से परेशानियों का कुछ हद तक हल निकाल लेंगे फिर भी किसी ना किसी कारण से असंतोष अवश्य रहेगा। कार्य व्यवसाय क्षेत्र पर आज सही निर्णय और समय पर योजना बनाने के बाद भी कमी रहेगी। आर्थिक लाभ के लिये किसी अन्य के निर्णय का इंतजार करना पड़ेगा होगा भी तो आशा से बहुत कम। समाज मे बैठे समय बोल चाल सोच समझ कर ही करें। धार्मिक भावनाएं आज स्वार्थ सिद्धि के लिए अथवा काम बनाने तक ही सीमित रहेंगी दिखावे के दान पुण्य से ना करना ही बेहतर रहेगा। आज अनैतिक संबंधों अथवा गलत संगत से दूर रहे परेशानी में पड़ सकते है।
मीन? (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपके स्वभाव में उतावलापन रहेगा पहले स्वयं ही काम के प्रति लापरवाही करेंगे बाद में जल्दबाजी करने पर गड़बड़ होगी। मध्यान तक का समय किसी अन्य के ऊपर निर्भर रहने के कारण किसी महत्त्वपूर्ण कार्य को लेकर असमंजस रहेगा दिन भर की मेहनत संध्या से रंग लाने लगेगी धन की आमद आवश्यकता अनुसार हो जाएगी लेकिन पैसा आते ही जाने के रास्ते खोज लेगा। व्यवसायी वर्ग आज संध्या बाद ही प्रसन्न नजर आएंगे। परिवार के सदस्य अनैतिक मांग मनवाने के लिये जिद करेंगे। स्वास्थ्य को लेकर भी आज आशंकित रहेंगे बाहर के खान-पान से परहेज करें।
आज का अमृत
सो सो बार विचारिए, क्या होता है मित्र।
खूब जांचिए परखिए, उसका चित चरित्र।।
एक वन प्रदेश में एक बहुत बडा तालाब था। हर प्रकार के जीवों के लिए उसमें भोजन सामग्री होने के कारण वहां नाना प्रकार के जीव, पक्षी, मछलियां, कछुए और केकडे आदि वास करते थे। पास में ही बगुला रहता था, जिसे परिश्रम करना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था। उसकी आंखें भी कुछ कमज़ोर थीं। मछलियां पकडने के लिए तो मेहनत करनी पडती हैं, जो उसे खलती थी। इसलिए आलस्य के मारे वह प्रायः भूखा ही रहता। एक टांग पर खडा यही सोचता रहता कि क्या उपाय किया जाए कि बिना हाथ-पैर हिलाए रोज भोजन मिले। एक दिन उसे एक उपाय सूझा तो वह उसे आजमाने बैठ गया।
बगुला तालाब के किनारे खडा हो गया और लगा आंखों से आंसू बहाने। एक केकडे ने उसे आंसू बहाते देखा तो वह उसके निकट आया और पूछने लगा ‘मामा, क्या बात है भोजन के लिए मछलियों का शिकार करने की बजाय खडे आंसू बहा रहे हो?’
बगुले ने ज़ोर की हिचकी ली और भर्राए गले से बोला
‘बेटे, बहुत कर लिया मछलियों का शिकार। अब मैं यह पाप कार्य और नहीं करुंगा। मेरी आत्मा जाग उठी हैं। इसलिए मैं निकट आई मछलियों को भी नहीं पकड रहा हूं। तुम तो देख ही रहे हो।’
केकडा बोला ‘मामा, शिकार नहीं करोगे, कुछ खाओगे नहीं तो मर नहीं जाओगे?’
बगुले ने एक और हिचकी ली ‘ऐसे जीवन का नष्ट होना ही अच्छा है बेटे, वैसे भी हम सबको जल्दी मरना ही है। मुझे ज्ञात हुआ है कि शीघ्र ही यहां बारह वर्ष लंबा सूखा पडेगा।’
बगुले ने केकडे को बताया कि यह बात उसे एक त्रिकालदर्शी महात्मा ने बताई हैं, जिसकी भविष्यवाणी कभी ग़लत नहीं होती। केकडे ने जाकर सबको बताया कि कैसे बगुले ने बलिदान व भक्ति का मार्ग अपना लिया हैं और सूखा पडने वाला हैं।
उस तालाब के सारे जीव मछलियां, कछुए, केकडे, बत्तखें व सारस आदि दौडे-दौडे बगुले के पास आए और बोले ‘भगत मामा, अब तुम ही हमें कोई बचाव का रास्ता बताओ। अपनी अक्ल लडाओ तुम तो महाज्ञानी बन ही गए हो।’
बगुले ने कुछ सोचकर बताया कि वहां से कुछ कोस दूर एक जलाशय हैं जिसमें पहाडी झरना बहकर गिरता हैं। वह कभी नहीं सूखता। यदि जलाशय के सब जीव वहां चले जाएं तो बचाव हो सकता हैं। अब समस्या यह थी कि वहां तक जाया कैसे जाएं? बगुले भगत ने यह समस्या भी सुलझा दी ‘मैं तुम्हें एक-एक करके अपनी पीठ पर बिठाकर वहां तक पहुंचाऊंगा क्योंकि अब मेरा सारा शेष जीवन दूसरों की सेवा करने में गुजरेगा।’
सभी जीवों ने गद्-गद् होकर ‘बगुला भगतजी की जै’ के नारे लगाए।
अब बगुला भगत के पौ-बारह हो गई। वह रोज एक जीव को अपनी पीठ पर बिठाकर ले जाता और कुछ दूर ले जाकर एक चट्टान के पास जाकर उसे उस पर पटककर मार डालता और खा जाता। कभी मूड हुआ तो भगतजी दो फेरे भी लगाते और दो जीवों को चट कर जाते तालाब में जानवरों की संख्या घटने लगी। चट्टान के पास मरे जीवों की हड्डियों का ढेर बढने लगा और भगतजी की सेहत बनने लगी। खा-खाकर वह खूब मोटे हो गए। मुख पर लाली आ गई और पंख चर्बी के तेज से चमकने लगे। उन्हें देखकर दूसरे जीव कहते ‘देखो, दूसरों की सेवा का फल और पुण्य भगतजी के शरीर को लग रहा है।’
बगुला भगत मन ही मन खूब हंसता। वह सोचता कि देखो दुनिया में कैसे-कैसे मूर्ख जीव भरे पडे हैं, जो सबका विश्वास कर लेते हैं। ऐसे मूर्खों की दुनिया में थोडी चालाकी से काम लिया जाए तो मजे ही मजे हैं। बिना हाथ-पैर हिलाए खूब दावत उडाई जा सकती है संसार से मूर्ख प्राणी कम करने का मौक़ा मिलता है बैठे-बिठाए पेट भरने का जुगाड हो जाए तो सोचने का बहुत समय मिल जाता हैं।
बहुत दिन यही क्रम चला। एक दिन केकडे ने बगुले से कहा ‘मामा, तुमने इतने सारे जानवर यहां से वहां पहुंचा दिए, लेकिन मेरी बारी अभी तक नहीं आई।’
भगतजी बोले ‘बेटा, आज तेरा ही नंबर लगाते हैं, आजा मेरी पीठ पर बैठ जा।’
केकडा खुश होकर बगुले की पीठ पर बैठ गया। जब वह चट्टान के निकट पहुंचा तो वहां हड्डियों का पहाड देखकर केकडे का माथा ठनका। वह हकलाया ‘यह हड्डियों का ढेर कैसा है? वह जलाशय कितनी दूर है, मामा?’
बगुला भगत ठां-ठां करके खूब हंसा और बोला ‘मूर्ख, वहां कोई जलाशय नहीं है। मैं एक- एक को पीठ पर बिठाकर यहां लाकर खाता रहता हूं। आज तू मरेगा।’
केकडा सारी बात समझ गया। वह सिहर उठा परन्तु उसने हिम्मत न हारी और तुरंत अपने जंबूर जैसे पंजों को आगे बढाकर उनसे दुष्ट बगुले की गर्दन दबा दी और तब तक दबाए रखी, जब तक उसके प्राण पखेरु न उड गए। फिर केकडा बगुले भगत का कटा सिर लेकर तालाब पर लौटा और सारे जीवों को सच्चाई बता दी कि कैसे दुष्ट बगुला भगत उन्हें धोखा देता रहा।
इस कहानी से क्या सीखें:
ये कहानी भी हमें २ महत्वपूर्ण सीख देती है।
1. दूसरों की बातों पर आंखें मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए, वास्तविक परिस्थिति के बारे में पहले पता लगा लेना चाहिए, हो सकता है सामने वाला मनगढंत कहानियाँ बना रहा हो और आपको लुभाने की कोशिश कर रहा हो।
2. कठिन से कठिन परिस्थिति और मुसीबत के समय में भी अपना आपा नहीं खोना चाहिए और धीरज व बुद्धिमानी से कार्य करना चाहिए।